tag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post8399328286303288742..comments2024-01-27T01:32:55.264-08:00Comments on विहान: कितने रंग तुम्हारे !गिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-42816526912262904722014-09-12T09:43:40.874-07:002014-09-12T09:43:40.874-07:00सुंदर रचना ।सुंदर रचना ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-23154564202270577712014-08-30T02:28:20.866-07:002014-08-30T02:28:20.866-07:00वाह ..बढ़िया वाह ..बढ़िया सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-83124185783524205192014-08-27T21:17:44.981-07:002014-08-27T21:17:44.981-07:00बड़ी मजेदार कविता है ये तो....आज पढ़ रहा हूँ लेकिन स...बड़ी मजेदार कविता है ये तो....आज पढ़ रहा हूँ लेकिन सिर्फ मुस्कुरा रहा हूँ पढ़ कर :) <br />और तस्वीरें भी इतनी सुन्दर हैं ! :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-90517810307739445442014-08-26T10:27:49.077-07:002014-08-26T10:27:49.077-07:00रचना और तस्वीर दोनो प्यारे है गिरजा जी ,शुक्रिया रचना और तस्वीर दोनो प्यारे है गिरजा जी ,शुक्रिया ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-9895116006042062562014-08-25T09:13:47.663-07:002014-08-25T09:13:47.663-07:00बहुत प्यारी रचना, बधाई.बहुत प्यारी रचना, बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-77407249125264538992014-08-08T16:39:10.775-07:002014-08-08T16:39:10.775-07:00आज यह कविता पढ़ी ,मन प्रफुल्लित हो गया , अनूठी कल्...आज यह कविता पढ़ी ,मन प्रफुल्लित हो गया , अनूठी कल्पनाओं ने कितने-कितने रूप रंगों से बादलों भरे आकाश को सजा दिया.प्रकृति की इस क्रीड़ा का साक्षात् कर काव्य-बद्ध कर इतने सहज रूप में सामने रख देने वाली लेखनी का (लिखनेवाली का )आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8929764135371179724.post-85615540702320135612014-07-27T07:38:52.031-07:002014-07-27T07:38:52.031-07:00इस घन-श्याम के इतने रूप आपने दिखा दिये दीदी कि लगत...इस घन-श्याम के इतने रूप आपने दिखा दिये दीदी कि लगता है यह कविता न होकर एक पेण्टिंग हो!! अपनी बालकनी में बैठकर आपकी कविता के रंग देख रहा हूँ और कच्चे घड़े से टपकते पानी की फुहार अनुभव कर रहा हूँ!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com