नन्हे शैशू को बुखार आगया .
ममा यानी
हिना ऑफिस से लौटी तो देखा वह सोफा
पर लेटा था .
नाराज होकर बोली –“-शैशव यह क्या बत्तमीजी है ? मना किया है न कि यह लेटने की जगह नही है ? देखो यही तुमने चिप्स और कुरकुरे भी खाए हैं रैपर भी वहीं पड़े हैं . एक बार में बात समझ नही आती ? ..उठो यह सब डस्टबिन में डालो .”
पहले तो उसने शैशव को डाँटा फिर घर सुम्मी की खिंचाई हुई –“यह घर में क्या कर रहा है यह भी नही देखा जाता तो तुझे रखा किसलिये हैं ?”
“सारी दीदी ,आइन्दा ऐसा नही होगा.”—सुम्मी टीवी देख रही थी .मालकिन इतनी जल्दी आजाएगी उसे अन्दाज नही था .इसलिये तुरन्त माफी माँगली . और जल्दी से चाय बनाने चली गई .
हिना ने शैशव का हाथ पकड़कर उठाया और चढ़ी हुई सी आँखें नहीं देखीं तो सारा गुस्सा कपूर होगया –“इसे तो तेज बुखार है .सुम्मी .इसे तो तेज बुखार है सर को फोन लगा .”
सर यानी शैशव के पिता कुणाल को ऑफिस से घर आने में लगभग आधा घंटा लग गया . इस बीच हिना सुम्मी को ,मच्छरों को , पास ही कूड़ादान हुई झील को , मिलावट भरी खाने की चीजों , पानी को और सरकार की अव्यवस्थाओं को कोसती रही और सबसे ज्यादा कुणाल की कार की गति को –कई बार कहा है इस कार को फेंक दो कबाड़ा होगई है .
“क्या हुआ ? “कुणाल ने घबराए स्वर में कहा— “डाक्टर को फोन लगाया ?”
“मैं डाक्टर के पास नही जाऊँगा .”
शैशव चीखकर बोला—“डाक्टर इंजेक्शन लगाता है . मुझे नही जाना .नही जाना ..”
शैशव नीचे फर्शपर पसर गया और जोर जोर से रोने लगा .
हिना को याद आया कि जब भी शैशव कोई बात नही मानता वह शैशव को यही कहकर डराती रही है कि बात नही मानेगा तो डाक्टर को बुलाकर इंजेक्शन लगवा दूँगी . खूब बड़ा इंजेक्शन तुम्हारे हाथ जितना ..उसमें इतनी ..इस बड़ी उँगली से भी बड़ी सुई लगी होती है .”
“उससे दर्द होता है ?”
“हाँ बहुत दर्द होता है इसीलिये तो ..लो बेटा..यह दूध पी लो .”
शैशव को टीवी न देखने देने , नहाने , या ज्यादा उछलकूद से रोकने के लिये हिना इंजेक्शन की धमकी का ही सहारा लेती रही है .यह तो बात उल्टी पड़ गई .
“नही बेटा डाक्टर अंकल तो प्यार करते हैं ..”—कुणाल
ने समझाया पर शैशव को विश्वास नही हुआ .
“नही करते ,ममा तो कहती है कि डाक्टर इंजेक्शन लगाते हैं .वो लम्बी वाली सुई ..”
“ममा को मालूम नही है . डाक्टर अंकल तो प्यार करते हैं,बीमारी को मुक्का मार कर भगा देते हैं .चाकलेट भी देते हैं .”
“अच्छा चाकलेट देते हैं ?”–शैशव का रोना अचानक
बन्द होगया .
“ तो ममा झूठ बोलती है
?”
“नही बेटा मम्मा झूठ क्यों बोलेगी ?”
“तो पप्पा झूठ बोलते हैं ?”
“नही बेटा पप्पा बिल्कुल झूठ नही बोलते .”
कुणाल जान गया कि वह भी झूठा साबित होने वाला है लेकिन कुछ सच्चाई तो बनी रहे इसलिये डाक्टर के यहाँ जाते समय कुणाल ने कुछ चाकलेट्स जेब में रखलीं . लेकिन शैशव इस असमंजस में था कि फिर झूठ कौन बोलता है .
आज कल के परिवेश को अभिव्यक्त करती हुई अच्छी कहानी ।
जवाब देंहटाएंवाह जबरदस्त बहोत बहोत सुन्दर है
जवाब देंहटाएं