विहान

बाल-कहानियों व कविताओं का पिटारा

बुधवार, 9 जुलाई 2025

पतंग-परी और डुग्गू

›
  एक थी पतंग । हरे पीले लाल नीले और जामुनी रंग वाली पचरंगी पतंग थी ।   एक लम्बे मजबूत धागे के का हाथ थामे आसमान में लहरा रही थी । हवा के साथ...
4 टिप्‍पणियां:
शनिवार, 7 दिसंबर 2024

पतंग--कहानी

›
  पतंग ---------------------- सूरज मन में पतंगों की जितनी रंगीन और मीठी कल्पनाएं संजोये रहता था , उसके पिता उतनी ही कड़वाहट के साथ पतंग ...
2 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

पंखों वाला बीज

›
दोस्तो यह कहानी मेरे नए कहानी संग्रह  'नदी झूठ नहीं बोलती ..' से अवतरित है जो प्रेम प्रवासी पब्लिशिंग भारत 3/186 राजेन्द्रनगर सेक्टर...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
गिरिजा कुलश्रेष्ठ
जीवन के छह दशक पार करने के बाद भी खुद को पहली कक्षा में पाती हूँ ।अनुभूतियों को आज तक सही अभिव्यक्ति न मिल पाने की व्यग्रता है । दिमाग की बजाय दिल से सोचने व करने की आदत के कारण प्रायः हाशिये पर ही रहती आई हूँ ।फिर भी अपनी सार्थकता की तलाश जारी है ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.