सूरज सर के गरम मिज़ाज
जब देखो रहते नाराज
क्यों रहते हैं तेवर तीखे ?
क्यों इतने रूखे अन्दाज ?
देते कितने कठिन सवाल
चलते अन्धड और बवाल
बोलें तो--लू सी चलती है
डरे-डरे से सब बेहाल
किरणों की ये छडी ??...बाप....रे
होगी बहुत पिटाई आज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज
मैं स्कूल नही जाऊँगी -----
झुरमुट से झाँके गौरैया
गमले में जा छुपी गिलहरी
बिल में छुप गई चिंकी चुहिया ।
अमराई में चुप्पी साधे ,
मोर पपीहा बुलबुल बाज .
सूरज सर के गरम मिजाज .
बेर--बबूल खडे मुर्गा से
पीपल को आगया पसीना ।
सिट्टी-पिट्टी गुम गुलाब की
गेंदा भी तो गुमसुम है ना ।
रटा सबक भूली सेवन्ती
बारहमासी भी बेताज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज ।
नदी--ताल की गिनती गडबड
पोखर के हैं हाल खराब
माथापच्ची करी रात भर
फिर भी बैठा नही हिसाब।
झरना भैया,की भी देखो
बन्द होगई है आवाज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज ।
जब देखो रहते नाराज
क्यों रहते हैं तेवर तीखे ?
क्यों इतने रूखे अन्दाज ?
देते कितने कठिन सवाल
चलते अन्धड और बवाल
बोलें तो--लू सी चलती है
डरे-डरे से सब बेहाल
किरणों की ये छडी ??...बाप....रे
होगी बहुत पिटाई आज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज
मैं स्कूल नही जाऊँगी -----
झुरमुट से झाँके गौरैया
गमले में जा छुपी गिलहरी
बिल में छुप गई चिंकी चुहिया ।
अमराई में चुप्पी साधे ,
मोर पपीहा बुलबुल बाज .
सूरज सर के गरम मिजाज .
बेर--बबूल खडे मुर्गा से
पीपल को आगया पसीना ।
सिट्टी-पिट्टी गुम गुलाब की
गेंदा भी तो गुमसुम है ना ।
रटा सबक भूली सेवन्ती
बारहमासी भी बेताज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज ।
नदी--ताल की गिनती गडबड
पोखर के हैं हाल खराब
माथापच्ची करी रात भर
फिर भी बैठा नही हिसाब।
झरना भैया,की भी देखो
बन्द होगई है आवाज ।
सूरज सर के गरम मिज़ाज ।
इस गर्मी में सब तपता है।
जवाब देंहटाएंgirija ji meri beti jo abhi 2 saal ki bhi nahi hai...yahi kehti hai chachu gam(garam)hai...chachu gam hai...aapki kavita padhkar bas aisa hi kuch yaad aa gaya...bahut acchi likhi hai aapne!!
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