मंगलवार, 16 सितंबर 2014

मेरी बकरी

मेरी बकरी
है चितकबरी
पर वह थोडी सी है बहरी।
चाहे कुछ भी उसे सिखालो
वह तो ,मैं....मैं....पर ही ठहरी ।

मेरी बकरी
चटपट चबरी
खाने में पूरी बेसबरी
दिन भर मुँह चलाती रहती
पल-पल पूँछ हिलाती रहती
अचरा-कचरा सब खाजाती
सब्जी -भाजी चना चपाती
छिलका-भूसा चट कर जाती
जहाँ-तहाँ मैंगनी गिराती

मेरी बकरी 
बडी गुनहरी
भोली-भाली सीधी-सादी
तीस मेमनों की वह दादी
जब भी चाहो दूध निकालो
बिना मुसीबत इसको पालो