सोमवार, 22 अगस्त 2022

बताओ वह कौन

(1990 में लिखी गई एक बाल कविता) 


दे दी सूरज को छुट्टी .

तो धूप ने करली कुट्टी .

पीला सा हुआ उजाला ,

गुम उसकी सिट्टी-पिट्टी .


हुई पश्चिम दिशा सलौनी ,

अब खेले आँख मिचौनी .

पर्वत ,मैदान ,किनारे ,

छुप गये पक्षी भी सारे .

 

था अम्बर नीला निर्मल   

ओढे अब काला कम्बल ।

छाया है धुँधली काली

छुप गई वहीं हरियाली .

 

वे इमली , बरगद ,पीपल  ,

पलभर में होगये ओझल .

रख पलक नीद की पट्टी  ,

आँखों को दे दी छुट्टी ।

 

फिर और विहँस कर बोली ,

, बबलू ,मोलू, भोली ।

होगये कहाँ ये ओझल,

इमली बरगद और पीपल ।

पंछी पर्वत और नदिया,

नीला-नीला नभ निर्मल।


इन सबको ढूँढो आओ,

या हार मान सोजाओ ।

 

सब खोज -खोज कर हारे ,

नभ में झाँके कुछ तारे ।

निंदिया का लगा बिछौना

फिर सबने पाँव पसारे ।

 

पलकों पर काली-काली,

चुपके चादर डालेगी ।

नयनों में रंग छुपाकर,

सपनों में ले जाएगी



6 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२५-०८ -२०२२ ) को 'भूख'(चर्चा अंक -४५३२) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. वाह!!!!
    बहुत ही सुन्दर बालकविता ।
    मनमोहक ।

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  3. बेहतरीन, यह विषय आवश्यक है ! शुभकामनाएँ

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