“जिनके भाल चन्द्रमा साजे.
गंगा मैया जटा विराजे .
ऐसा जिनका रूप निराला .
भोले-शंकर उनका नाम .
कैलाश पर्वत उनका धाम
अंग अंग में भस्म रमाए .
सारा जग उनके गुण गाए .
जल्दी ही वे खुश होजाते .
आशुतोष इसलिए कहाते .
दूर करें वे कष्ट तमाम .
भोले शंकर उनका नाम .”
हर हर महादेव, बहुत सुंदर भजन 🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कामिनी जी
हटाएंवाह, बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. आपकी प्रतिक्रिया से रचना समृद्ध हुई.
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