सुनो-सुनो ओ मच्छर जी !
हो तुम कितने निष्ठुर जी !
बातों-बातों में ही तुमने
मारे डंक बहत्तर जी ।
नन्हे नाजुक लगते हो,
पर दिल के पूरे पत्थर जी ।
दया-धरम का पाठ पढे ना
हो तुम निपट निरक्षर जी ।
पढने दो ना लिखने दो
ना कहीं चैन से सोने दो ।
करके रखा नाक में दम
यह ठीक नहीं है मिस्टर जी ।
कछुआ -वछुआ मार्टिन-आर्टिन
सब उपाय बेकार हुए
मच्छरदानी में भी घुस आते हो
कितने मट्ठर जी !
हमें जरा समझाओ, अपनी
अकल खारही चक्कर जी
क्या मिलता है तुम्हें खून में
घुली हुई क्या शक्कर जी ?
हो तुम कितने निष्ठुर जी !
बातों-बातों में ही तुमने
मारे डंक बहत्तर जी ।
नन्हे नाजुक लगते हो,
पर दिल के पूरे पत्थर जी ।
दया-धरम का पाठ पढे ना
हो तुम निपट निरक्षर जी ।
पढने दो ना लिखने दो
ना कहीं चैन से सोने दो ।
करके रखा नाक में दम
यह ठीक नहीं है मिस्टर जी ।
कछुआ -वछुआ मार्टिन-आर्टिन
सब उपाय बेकार हुए
मच्छरदानी में भी घुस आते हो
कितने मट्ठर जी !
हमें जरा समझाओ, अपनी
अकल खारही चक्कर जी
क्या मिलता है तुम्हें खून में
घुली हुई क्या शक्कर जी ?
मच्छरदानी खाट पे बाँध के
जवाब देंहटाएंसो गये फर्श पे कोने में
जाओ ढूँढो बेड पर मुझको
हम कोने में 'बेटर' जी!
वाह ,यह तरीका भी सही है उन बदमाशों को धोखा देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल गीत..आभार..
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सुनो-सुनो ओ मच्छर जी !
हो तुम कितने निष्ठुर जी !
बातों-बातों में ही तुमने
मारे डंक बहत्तर जी ।
नन्हे नाजुक लगते हो,
पर दिल के पूरे पत्थर जी ।
दया-धरम का पाठ पढे ना
हो तुम निपट निरक्षर जी ।
वाह ! वाऽह…!
बच्चों के लिए आजकल इतनी सरल सहज रचनाएं कम ही देखने में आती हैं...
आदरणीया गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी
सुंदर श्रेष्ठ बाल रचना के लिए साधुवाद
मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
आप सबका धन्यवाद । आपके कथनानुसार अच्छी रचनाएं होते हुए भी ये पाठकों की प्रतीक्षा करती हैं । पाठक आते भी हैं पर जाने क्यों कोई प्रतिक्रिया नही देते । कृपया पढकर प्रतिक्रिया अवश्य दें । ये रचनाएं केवल ब्लाग जगत के सुधी पाठकों के लिये ही हैं अन्यथा प्रकाशित तो पहले ही हो चुकीं हैं ।
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति।।।
जवाब देंहटाएंदेखन में छोटन … पर इससे बचने के कितने प्रयास
जवाब देंहटाएंबच्चों केलियेमच्छर की इतनी सुंदर कविता, बच्चों को सिखाउंगी बडा मज़ा आयेगा ।
जवाब देंहटाएंये अच्छों अच्छों को नचा देता हैं, आदमी को उसकी औकात बता देता है।
जवाब देंहटाएंबढ़िया मच्छर-नामा लिख आपने!!
बहुत खूब, सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहोत सुन्दर
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