बौछारों से गीले गीले ,चौमासे के दिन
कपड़े जैसे सीले सीले ,चौमासे के दिन .
कभी बादलों की छाया में , सोए सोए से ,
कभी धूप में चटकीले हैं ,चौमासे के दिन .
हरियाली के आँचल में मुँह ढाँपे सोजाते
धनक सिरहाने सपनीले से चौमासे के दिन .
धरती को ले आए हैं सौगातें हरी हरी ,
नदियों को तेवर गर्वीले ,चौमासे के दिन
मेघों के गर्जन से ,सोए बीज कुनमुनाए ,
पीके लाल और कुछ पीले ,चौमासे के दिन .
बादल लुढ़का गिरा पेड़पर ,टूटा बिखर गया
पत्तों के हैं नैन पनीले ,चौमासे के दिन .