सुबह -शाम सिन्दूरी हो लीं ।
होली, होली, होली ।
आँगन धूप झाँक कर बोली ,
होली, होली, होली ..।
खुलीं ,खिलीं कचनारी कलियाँ।
चीं चीं...चूँ,चूँ ..गाऐं चिडियाँ।
हुल्लड करती हरियल-टोली,
होली , होली , होली ,।
सरसों को रँग दिया वसन्ती ,
पीली ,लाल हुई सेवन्ती ।
टेसू ने लो केसर घोली --
होली , होली , होली ।
जी भर बौराई अमराई ,
बेरों ने खुशबू फैलाई ।
है शहतूत शहद की गोली -
होली , होली , होली ।
हवा झूमती सी लहराती ,
झूम-झटक पेडों को जाती ।
उसके पास गुलाल न रोली -
होली , होली , होली ।
बगुला जी रंगों से बचने ,
नदी किनारे पहुँचे छिपने ।
दे पिचकारी मछली बोली--
होली , होली , होली ।
छुप ना कोयल बाहर आ री ,
तुझ पर रंग चढेगा क्या री ।
खुल कर करले हँसी ठिठोली--
होली , होली , होली ।
-------------------------------
होली, होली, होली ।
आँगन धूप झाँक कर बोली ,
होली, होली, होली ..।
खुलीं ,खिलीं कचनारी कलियाँ।
चीं चीं...चूँ,चूँ ..गाऐं चिडियाँ।
हुल्लड करती हरियल-टोली,
होली , होली , होली ,।
सरसों को रँग दिया वसन्ती ,
पीली ,लाल हुई सेवन्ती ।
टेसू ने लो केसर घोली --
होली , होली , होली ।
जी भर बौराई अमराई ,
बेरों ने खुशबू फैलाई ।
है शहतूत शहद की गोली -
होली , होली , होली ।
हवा झूमती सी लहराती ,
झूम-झटक पेडों को जाती ।
उसके पास गुलाल न रोली -
होली , होली , होली ।
बगुला जी रंगों से बचने ,
नदी किनारे पहुँचे छिपने ।
दे पिचकारी मछली बोली--
होली , होली , होली ।
छुप ना कोयल बाहर आ री ,
तुझ पर रंग चढेगा क्या री ।
खुल कर करले हँसी ठिठोली--
होली , होली , होली ।
-------------------------------